Saturday, April 17, 2010

अजनबी मसीहा आ गया है

अंधेरी रातों में,सूनसान राहों पर,हर जुल्म मिटाने को, एक मसीहा निकलता है

जिसे लोग "अजनबी मसीहा" कहते हैं।



चिरकुटों ने शरीफ़ों का जीना हराम कर दिया है।


अजनबी मसीहा तुम्हारा सत्यानाश करने आ गया है,


हिजड़ों तुम्हे खबरदार कर रहा हुँ कि गंदी हरकतें बंद कर दो, लोगो को लड़ाना बंद कर दो,

नही तो तुम्हारी सारी पोल खोल दी जाएगी, तुम्हारी घिनौनी हरकते उजागर की जाएंगी।



दोस्तों का दोस्त, यारों का यार


कमीनो दुश्मन, अजनबी मसीहा अब आ गया है

(किसी को "कुंठा-कुंठी "ने जबरिया परेशान किया हैतो सम्पर्क करें-अन्याय अत्याचार की उम्र ज्यादा नहीं होती-इन्हे माकूल जवाब दिया जाएगा)